यह चाहतें जो अभी तक मुझमे ज़िंदा हैं,
क्यूँ तेरी आस मे हर एक साँस ज़िंदा है,
कुछ अपने लोग जो अपने करीब लगते हैं,
क्यूँ जाने पहचाने चेहरे अज़ीब लगते हैं,
सच है तू पास नही, दूर भी नही शायद,
तुझसे अनजान नही, पहचान भी नही शायद,
तू है कहीं गुमशुदा, तुझको खबर नही शायद,
दिल मे छुपा सा कोई तुझसा है, मगर नही.... शायद......!!
Facts about the real feelings recorded to be shared among intellectuals (Ravi & Ashwani). We are together coz we view things alone and reach to the end same finish.... Not always..but often! Finally there is one more addition Nitin is joining with his poetry ideas... hope we finish with some good lines...just expressing ourselves.
Wednesday, December 15, 2010
Chahtein
Friday, September 17, 2010
kuch kaha maine
Some where down the line, Dushyant kumar has written (well i feel he was one good one, not selling HUSN as poet :P).
i just tried to add up few words...
ये नियति जीवन की जाने कब कहाँ ले जाय,
बन पथिक जीवन डगर को धर लिया मैने..!
मेरे चमन मे क्यूँ कोई मुझ सा नही रहा,
द्वंद को उत्तेजना मे कर लिया मैने ..!!
हौसले सूरज की गर्मी से ना पिघले थे कभी,
अब तो राहो मे नमी को भर लिया मैने..!
अब नयी तहज़ीब है - सब कुछ बिकाउ,
खुद को भी बेज़ार-ए-नज़र कर लिया मैने ..!!
गीत गाकर चेतना को वर दिया मैने
आँसुओं के दर्द को आदर दिया मैने
प्रीत मेरी आस्था की भूख थी, सहकर
ज़िन्दगी़ का चित्र पूरा कर दिया मैने।
i just tried to add up few words...
ये नियति जीवन की जाने कब कहाँ ले जाय,
बन पथिक जीवन डगर को धर लिया मैने..!
मेरे चमन मे क्यूँ कोई मुझ सा नही रहा,
द्वंद को उत्तेजना मे कर लिया मैने ..!!
हौसले सूरज की गर्मी से ना पिघले थे कभी,
अब तो राहो मे नमी को भर लिया मैने..!
अब नयी तहज़ीब है - सब कुछ बिकाउ,
खुद को भी बेज़ार-ए-नज़र कर लिया मैने ..!!
Sunday, May 02, 2010
बचा रहने दो...!
जीवन की आपाधापी मे बिखर गयी एक प्रेम कहानी,
दिल तोड़ा है, मुह मत मोडो, जीवन शेष बचा रहने दो,
सबसे छुपके, नज़र बचा के,भेजे थे जो दिल से लगा के,
प्रेम भर वो पत्र ना फाडो कुछ अवशेष बचा रहने दो,
कोशिश हम दोनो ने की थी, नीतुर नियती की और थी इच्छा,
इस बेबस लाचार अहम का कुछ तो एहसास बचा रहने दो,
जीवनपथ पर मिले ना मिले, यादो मे तो आएँगे,
तुम मेरी थी, भले पलो की, यह विश्वास बचा रहने दो..!!
दिल तोड़ा है, मुह मत मोडो, जीवन शेष बचा रहने दो,
सबसे छुपके, नज़र बचा के,भेजे थे जो दिल से लगा के,
प्रेम भर वो पत्र ना फाडो कुछ अवशेष बचा रहने दो,
कोशिश हम दोनो ने की थी, नीतुर नियती की और थी इच्छा,
इस बेबस लाचार अहम का कुछ तो एहसास बचा रहने दो,
जीवनपथ पर मिले ना मिले, यादो मे तो आएँगे,
तुम मेरी थी, भले पलो की, यह विश्वास बचा रहने दो..!!
By Ravi
Wednesday, March 31, 2010
When love happens ??
Tried to convert this into poem...
किसी ना किसी पे, किसी को, एतबार हो जाता है,
किसी अजनबी शख्स से, अक्सर प्यार हो जाता है.
किसी की खूबियो से ही नही होती मोहब्बत,
किसी की खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है...!!
Thanks,
Ravi
किसी ना किसी पे, किसी को, एतबार हो जाता है,
किसी अजनबी शख्स से, अक्सर प्यार हो जाता है.
किसी की खूबियो से ही नही होती मोहब्बत,
किसी की खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है...!!
Thanks,
Ravi
Few lines together ..
Some random thoughts... inspiration from some poets, and compiled myself.
बनके एहसास मेरी धड़कन के पास रहते हो,
बनके आँसू मेरी आँखो मे साथ रहते हो,
आज पूछा है एक फक़त सवाल तुमसे,
क्या दूर रहकर तुम भी उदास रहते हो?
-----------------------------------
यूँ भी हम दूर दूर रहते थे,यूँ भी सांसो मे कुछ कदूरत थी,
तुमने रस्म-न भुला दिया मुझको,इस तक़ल्लुफ की क्या ज़रूरत थी....!!
-----------------------------------------
This one is 70% done by Nitin, i just gave it a finish...
मासूम सा चेहरा, भोली सी सूरत, कुछ याद दिलाती हैं मुझे,
वो हँसी, वो लहराते हुए जुल्फे, हर पल तेरी सूरत सी सताती है मुझे,
झुकी पलकों के कोरो से तकना, माथे पे मोहब्बत की शिकन लुभाती है मुझे,
हर ज़र्रे मे फक़त तेरी इनायत देखू, खुदाई भी अब तुझमे नज़र आती है मुझे,
Hope you like it..
R@vi
बनके एहसास मेरी धड़कन के पास रहते हो,
बनके आँसू मेरी आँखो मे साथ रहते हो,
आज पूछा है एक फक़त सवाल तुमसे,
क्या दूर रहकर तुम भी उदास रहते हो?
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यूँ भी हम दूर दूर रहते थे,यूँ भी सांसो मे कुछ कदूरत थी,
तुमने रस्म-न भुला दिया मुझको,इस तक़ल्लुफ की क्या ज़रूरत थी....!!
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This one is 70% done by Nitin, i just gave it a finish...
मासूम सा चेहरा, भोली सी सूरत, कुछ याद दिलाती हैं मुझे,
वो हँसी, वो लहराते हुए जुल्फे, हर पल तेरी सूरत सी सताती है मुझे,
झुकी पलकों के कोरो से तकना, माथे पे मोहब्बत की शिकन लुभाती है मुझे,
हर ज़र्रे मे फक़त तेरी इनायत देखू, खुदाई भी अब तुझमे नज़र आती है मुझे,
Hope you like it..
R@vi
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