Wednesday, March 31, 2010

Few lines together ..

Some random thoughts... inspiration from some poets, and compiled myself.


बनके एहसास मेरी धड़कन के पास रहते हो,
बनके आँसू मेरी आँखो मे साथ रहते हो,
आज पूछा है एक फक़त सवाल तुमसे,
क्या दूर रहकर तुम भी उदास रहते हो?


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यूँ भी हम दूर दूर रहते थे,यूँ भी सांसो मे कुछ कदूरत थी,
तुमने रस्म-न भुला दिया मुझको,इस तक़ल्लुफ की क्या ज़रूरत थी....!!

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This one is 70% done by Nitin, i just gave it a finish...


मासूम सा चेहरा, भोली सी सूरत, कुछ याद दिलाती हैं मुझे,
वो हँसी, वो लहराते हुए जुल्फे, हर पल तेरी सूरत सी सताती है मुझे,
झुकी पलकों के कोरो से तकना, माथे पे मोहब्बत की शिकन लुभाती है मुझे,
हर ज़र्रे मे फक़त तेरी इनायत देखू, खुदाई भी अब तुझमे नज़र आती है मुझे,


Hope you like it..

R@vi

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