Saturday, October 22, 2011

आरभ

आरभ


ना ख़ुशी हैं, ना गम हैं, कुछ तो हैं, पर कुछ भी नहीं हैं !

हासिल हैं पर, पर कुछ खोने का डर हैं,

शिताम हैं, पर प्यार भी हैं

कवायत भी हैं, पर पाने की चाह नहीं हैं,

जिसकी जरुरत हैं वो पास भी नहीं हैं,


ना शिकायत हैं किसी से, ना कोई गिला हैं!

परे हैं जो हर बात सी, वो खुदा भी नहीं हैं!

आशो की नदी हैं, तमानो का समंदर है मुझमें!

अनन्त हैं छितिज, पर किनारा नहीं हैं!

कहा मिले किससे मिले, क्या कहे और क्या सुनाये,

वही कहानी हैं पर कोई हम जबानी नहीं!


लड़ के निकल जाऊ ये जुरट हैं सही,

अपने ही आप हैं, कोई और नहीं,


आखिर मैं भी सोचता हूँ कभी,

मैं ही अकले नहीं इस भरवार में, जो खाता हूँ गोंते,

पर वही चाह हैं किनारे से मिलने की,

क्यों मैं ही हूँ पर मैं कुछ नहीं!


ये वो हैं जिसकी चाह अभी हैं मुझे,

पर ये मेरा आरभ हैं अंत नहीं!

Ek Nazar

मासूम सा चेहरा, भोली सी सूरत, कुछ याद दिलाती हैं मुझे,
वो हँसी, वो लहराते हुए जुल्फे, हर पल तेरी सूरत सी सताती है मुझे,
झुकी पलकों के कोरो से तकना, माथे पे मोहब्बत की शिकन लुभाती है मुझे,
हर ज़र्रे मे फक़त तेरी इनायत देखू, खुदाई भी अब तुझमे नज़र आती है मुझे,

एक कसक

हर बार एक कसक सी रह जाती है, तेरे जाते ही तेरी याद सी रह जाती है !
दिल करता है भर लूँ अपनी बाँहों में, ये तमन्ना भी एक ख्वाब सी रह जाती है !!

यूँ तो शामिल है हर लम्हा तेरी यादो में, तेरी आहट पे मेरी आँख ठहर जाती है ..!
ख्वाब अलबेले सजाती हैं आँखे मेरी, तेरी उम्मीद सी हर रात गुज़र जाती है ..!!

तुमसे रूहानी ताउम्र का रिश्ता मेरा, यही उम्मीद मुझे पास तेरे लाती है ..!
मेरे हालात तुझे मैं कैसे बतलाऊं, तेरे दिल की तड़प आँख समझ जाती है ...!!

Wednesday, December 15, 2010

Chahtein


यह चाहतें जो अभी तक मुझमे ज़िंदा हैं,
क्यूँ तेरी आस मे हर एक साँस ज़िंदा है,
कुछ अपने लोग जो अपने करीब लगते हैं,
क्यूँ जाने पहचाने चेहरे अज़ीब लगते हैं,

सच है तू पास नही, दूर भी नही शायद,
तुझसे अनजान नही, पहचान भी नही शायद,
तू है कहीं गुमशुदा, तुझको खबर नही शायद,
दिल मे छुपा सा कोई तुझसा है, मगर नही.... शायद......!!



Friday, September 17, 2010

kuch kaha maine

Some where down the line, Dushyant kumar has written (well i feel he was one good one, not selling HUSN as poet :P).

गीत गाकर चेतना को वर दिया मैने
आँसुओं के दर्द को आदर दिया मैने
प्रीत मेरी आस्था की भूख थी, सहकर
ज़िन्दगी़ का चित्र पूरा कर दिया मैने।

i just tried to add up few words...

ये नियति जीवन की जाने कब कहाँ ले जाय,
बन पथिक जीवन डगर को धर लिया मैने..!
मेरे चमन मे क्यूँ कोई मुझ सा नही रहा,
द्वंद को उत्तेजना मे कर लिया मैने ..!!

हौसले सूरज की गर्मी से ना पिघले थे कभी,
अब तो राहो मे नमी को भर लिया मैने..!
अब नयी तहज़ीब है - सब कुछ बिकाउ,
खुद को भी बेज़ार-ए-नज़र कर लिया मैने ..!!

Sunday, May 02, 2010

बचा रहने दो...!

जीवन की आपाधापी मे बिखर गयी एक प्रेम कहानी,
दिल तोड़ा है, मुह मत मोडो, जीवन शेष बचा रहने दो,

सबसे छुपके, नज़र बचा के,भेजे थे जो दिल से लगा के,
प्रेम भर वो पत्र ना फाडो कुछ अवशेष बचा रहने दो,

कोशिश हम दोनो ने की थी, नीतुर नियती की और थी इच्छा,
इस बेबस लाचार अहम का कुछ तो एहसास बचा रहने दो,

जीवनपथ पर मिले ना मिले, यादो मे तो आएँगे,
तुम मेरी थी, भले पलो की, यह विश्वास बचा रहने दो..!!


By Ravi

Wednesday, March 31, 2010

When love happens ??

Tried to convert this into poem...

किसी ना किसी पे, किसी को, एतबार हो जाता है,
किसी अजनबी शख्स से, अक्सर प्यार हो जाता है.
किसी की खूबियो से ही नही होती मोहब्बत,
किसी की खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है...!!

Thanks,

Ravi

Few lines together ..

Some random thoughts... inspiration from some poets, and compiled myself.


बनके एहसास मेरी धड़कन के पास रहते हो,
बनके आँसू मेरी आँखो मे साथ रहते हो,
आज पूछा है एक फक़त सवाल तुमसे,
क्या दूर रहकर तुम भी उदास रहते हो?


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यूँ भी हम दूर दूर रहते थे,यूँ भी सांसो मे कुछ कदूरत थी,
तुमने रस्म-न भुला दिया मुझको,इस तक़ल्लुफ की क्या ज़रूरत थी....!!

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This one is 70% done by Nitin, i just gave it a finish...


मासूम सा चेहरा, भोली सी सूरत, कुछ याद दिलाती हैं मुझे,
वो हँसी, वो लहराते हुए जुल्फे, हर पल तेरी सूरत सी सताती है मुझे,
झुकी पलकों के कोरो से तकना, माथे पे मोहब्बत की शिकन लुभाती है मुझे,
हर ज़र्रे मे फक़त तेरी इनायत देखू, खुदाई भी अब तुझमे नज़र आती है मुझे,


Hope you like it..

R@vi

Thursday, October 01, 2009

Shabeena Adeeb's great work..

गम तेरे बिछड़ने का हम दिल में समो लेंगे,
तू याद जब आएगा, तन्हाई में रो लेंगे,

दिल प्यार की राहो में बर्बाद हुआ लेकिन,
बर्बाद किया किसने ये राज़ न खोलेंगे..!!

अब तर्क-ए-ताल्लुक पर हम दोनों हैं आमादा,
वो हमसे न बोलेंगे हम उनसे न बोलेंगे,

गर आपकी नींदों के सपने हमें मिल जाए,
हम जागती आँखों से कुछ देर तो सो लेंगे..!!




And i tried to add few lines... hope they are not bad... ( i am not a good poet i know).

अब और किसी शै की हमको न जरुरत है,
तेरी पल भर की चाहत हम दिल में संजो लेंगे,

है कितनी हंसी दुनिया, हर ओर ख़ुशी ही ख़ुशी,
पर तेरे बिना दिलबर हम आँख न खोलेंगे..!!

माँगा है तुम्हे सबसे, रब से भी दुआओं में,
तेरे लौट के आने की उम्मीद पिरो लेंगे ..!

तुझसे गम दूर रहे, खुशियों की इनायत हो,
अश्को के समंदर में, हम दिल को डुबो लेंगे...!!

Monday, September 11, 2006

LOVE ..Is real love exists???

Love .. just the name , just the whisper of this combination of some alphabets 'L', 'O', 'V','E' makes us feel some strange feelings. Someone has wisely said
"Love is two consonants two vowels between two fools"

Well the people who belive in true love (including me), they are "dwarf", well do not get me wrong, but its reality. We all who think that true love exists are just waiting for their "Princess charming or Snow white" or "Prince charming", but they will never come. And if they come you will never realise because you are living in dreams of true love. Some of us can realise it but they feel "am i right for this person??" . They feel that this is Prince/Princess so there is some one better made for....... and they wait..... until they get a situation of compromise.

So my dear friends love is never true, be happy what you have or what you get. Do not be afraid, just have it, what ever is there in shape of love, its true or not,... just let it be with you...

Your world is only filled with you....
When you look in the sky..
Tears will fall because you are thinking for someone...
You are the world to be...
Let it be yours... always ..timebeing...